मालवा के दलित-दमित का महाकाव्य गाँव भीतर गाँव

मालवा के दलित-दमित का महाकाव्य गाँव भीतर गाँव

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पेज संख्याः  320-00 मूल्यः  200/  रुपये प्रकाशकः आधार प्रकाशन ,  पंचकूला ,  हरियाणा लेखक परिचय सत्यनारायण पटेल कहानी संग्रहः   १-भेम का भेरू...
परिधि के पार: राकेश बिहारी की कहानी

परिधि के पार: राकेश बिहारी की कहानी

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राकेश बिहारी की यह कहानी “परिधि के पार” बहुत ही संवेदनशीलता से वर्षों से चली आ रही उस व्यवस्था को चित्रित करती है जिसमें विवाह और उसके नाम प...
कविता में स्त्री - कुछ तुम्हारी नज़र, कुछ हमारी

कविता में स्त्री - कुछ तुम्हारी नज़र, कुछ हमारी

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कोई महिमामंडन नहीं करूंगी , किसी विशेषण , किसी अलंकरण से नहीं सजाऊँगी। स्त्री , तुम मानुषी हो , खुल कर सांस ले पाओ , जी पाओ हर गिरह खोल...